------------------------------------------------ जो करना प्रेम किसी से तो करना उससे वादे चाँद के और उपहार में देना नदियाँ और पहाड़ पर भूलकर भी न देना प्रतिबद्धता समय की समय भी तो पुरुष है तुम्हारी ही तरह अक्सर बदल जाता है वक़्त आने पर ------सुलोचना वर्मा---------
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