Wednesday, June 26, 2019

जल


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जल से तरंग के अन्तर्ध्यान होते ही
क्षय होने लगती है आयु जीवों की
हृदय नहीं, वह जल का है कलकल संगीत
जो धड़कता है बायीं ओर वक्ष के
बिना जल के जलती है पृथ्वी
जब जल से पृथक होता है तरंग
और मनुष्य धरा के संगीत से
हुआ करता था धरा पर बहता हुआ
पृथ्वी का सुगम संगीत कभी
लगभग बेसुरी हो चुकी पृथ्वी पर जल
बोतलबंद व्यवसाय है इन दिनों