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मैं करती हूँ प्रतीक्षा तुम्हारी ठीक वैसे
जैसे करता है इंतज़ार न्याय की
साल दर साल उम्मीद बाँधे कोई बेक़सूर
मैं करती हूँ सवाल और देखती हूँ तुम्हें
टकटकी लगाये जैसे देखता है आसमान
बीज रोपण के बाद कोई किसान
मैं करती हूँ प्रेम तुमसे कुछ उस तरह
बिन देखे नौ महीने की लम्बी अवधि तक
जैसे करती है प्रेम अपने अजन्मे शिशु को माँ
प्रेम ने उम्मीदों के बीज बचाकर रक्खे हैं !!!
----सुलोचना वर्मा------
मैं करती हूँ प्रतीक्षा तुम्हारी ठीक वैसे
जैसे करता है इंतज़ार न्याय की
साल दर साल उम्मीद बाँधे कोई बेक़सूर
मैं करती हूँ सवाल और देखती हूँ तुम्हें
टकटकी लगाये जैसे देखता है आसमान
बीज रोपण के बाद कोई किसान
मैं करती हूँ प्रेम तुमसे कुछ उस तरह
बिन देखे नौ महीने की लम्बी अवधि तक
जैसे करती है प्रेम अपने अजन्मे शिशु को माँ
प्रेम ने उम्मीदों के बीज बचाकर रक्खे हैं !!!
----सुलोचना वर्मा------