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हमारे रक्त में है वह मौजूद बन कई जन्मों का पाप
पाप, जो मिला हमें जन्म लेते ही विरासत में पूर्वजों से
और बाद में हमारे अपने कर्मफल स्वरूप
पाप, जो नहीं घुल पाया रक्त में सदियों बाद भी
अन्य तमाम पापों की तरह
पाप, जिसने हृदय की कुण्डली में लिखा सर्वनाश
और कुण्डली मार बैठ गया नाग की तरह धमनियों में
न चलो, तो भी दुखता रहता है पाँव, पुराने प्रेम की तरह
जो पैदल चलो, तो फूलने लगती है साँस
कितने सहस्र वर्ष चलने पर धुलेगा यह पाप ?
बह गए एक-एक कर हमारे तमाम पूर्वज गंगा में
पर नहीं धुल सका, रहा यह ऐसा पाप
तो संसार का सार यही हुआ न
कि बह जाती हैं तमाम इच्छाएँ आशा के साथ
कि बह जाते हैं प्राणी और रह जाता है पाप !!!
बढ़ता - घटता रहता है रक्तचाप कोसी के जलस्तर की तरह
खून गाढ़ा होता रहता है, डॉक्टर हो जाते हैं लाचार सरकार की तरह
तो मान लिया जाय कि ऐसे ही आती रहेगी मृत्यु की भीषण बाढ़
और हम पहुँच जाएँगे अपने अंतिम पते पर मिटटी में
जब भी करना चाहा महसूस सीने में दफ्न साँसों को, पाया स्पर्श शून्य का
इस स्थिर प्रगाढ़ शून्याकार निःशब्द घेरे में हो बंद जिंदगी है बीतनी
रह-रहकर ले रहे हैं हम जो लम्बी साँस, उसकी लम्बाई है कितनी ?
जिंदगी निःशब्द शब्दबिंदुओं का अंतराल मात्र है !!!
हमारे रक्त में है वह मौजूद बन कई जन्मों का पाप
पाप, जो मिला हमें जन्म लेते ही विरासत में पूर्वजों से
और बाद में हमारे अपने कर्मफल स्वरूप
पाप, जो नहीं घुल पाया रक्त में सदियों बाद भी
अन्य तमाम पापों की तरह
पाप, जिसने हृदय की कुण्डली में लिखा सर्वनाश
और कुण्डली मार बैठ गया नाग की तरह धमनियों में
न चलो, तो भी दुखता रहता है पाँव, पुराने प्रेम की तरह
जो पैदल चलो, तो फूलने लगती है साँस
कितने सहस्र वर्ष चलने पर धुलेगा यह पाप ?
बह गए एक-एक कर हमारे तमाम पूर्वज गंगा में
पर नहीं धुल सका, रहा यह ऐसा पाप
तो संसार का सार यही हुआ न
कि बह जाती हैं तमाम इच्छाएँ आशा के साथ
कि बह जाते हैं प्राणी और रह जाता है पाप !!!
बढ़ता - घटता रहता है रक्तचाप कोसी के जलस्तर की तरह
खून गाढ़ा होता रहता है, डॉक्टर हो जाते हैं लाचार सरकार की तरह
तो मान लिया जाय कि ऐसे ही आती रहेगी मृत्यु की भीषण बाढ़
और हम पहुँच जाएँगे अपने अंतिम पते पर मिटटी में
जब भी करना चाहा महसूस सीने में दफ्न साँसों को, पाया स्पर्श शून्य का
इस स्थिर प्रगाढ़ शून्याकार निःशब्द घेरे में हो बंद जिंदगी है बीतनी
रह-रहकर ले रहे हैं हम जो लम्बी साँस, उसकी लम्बाई है कितनी ?
जिंदगी निःशब्द शब्दबिंदुओं का अंतराल मात्र है !!!