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सख्त परहेज है उन्हें क्रांति की तमाम बातों से
जबकि वो कर सकते हैं बातें घंटों देशभक्ति की
जहाँ प्रतिरोध को रखते हैं वो देशद्रोह की श्रेणी में
वो कर सकते हैं उग्र प्रदर्शन अपनी शक्ति की
उनकी समझ से है परे तर्क और विज्ञान की भाषा
कि अंधविश्वासी होना है उनका जन्मसिद्ध अधिकार
आपत्ति नहीं उन्हें सामाजिक छुआछूत और घृणा से
बस आप नहीं कर सकते हैं तो अपनी मर्जी से प्यार
उनकी बातों में है घृणा का मवाद, कुंठा की लय
कर सकते हैं वो निर्वस्त्र स्त्रियों को भी बीच सड़क में
और चिल्ला सकते हैं खड़े होकर निर्लज्ज और निर्भय
"भारत माता की जय"! "भारत माता की जय"!
रो देती है भारत माता देखकर अपनी ऐसी दुर्दशा
जहाँ मानवता की सुनहरी फसल का हो रहा हो क्षय
चिल्ला रहे हैं उसके बच्चे कर एक-दूसरे की हत्या
"भारत माता की जय"! "भारत माता की जय"!
-----सुलोचना वर्मा-----------
सख्त परहेज है उन्हें क्रांति की तमाम बातों से
जबकि वो कर सकते हैं बातें घंटों देशभक्ति की
जहाँ प्रतिरोध को रखते हैं वो देशद्रोह की श्रेणी में
वो कर सकते हैं उग्र प्रदर्शन अपनी शक्ति की
उनकी समझ से है परे तर्क और विज्ञान की भाषा
कि अंधविश्वासी होना है उनका जन्मसिद्ध अधिकार
आपत्ति नहीं उन्हें सामाजिक छुआछूत और घृणा से
बस आप नहीं कर सकते हैं तो अपनी मर्जी से प्यार
उनकी बातों में है घृणा का मवाद, कुंठा की लय
कर सकते हैं वो निर्वस्त्र स्त्रियों को भी बीच सड़क में
और चिल्ला सकते हैं खड़े होकर निर्लज्ज और निर्भय
"भारत माता की जय"! "भारत माता की जय"!
रो देती है भारत माता देखकर अपनी ऐसी दुर्दशा
जहाँ मानवता की सुनहरी फसल का हो रहा हो क्षय
चिल्ला रहे हैं उसके बच्चे कर एक-दूसरे की हत्या
"भारत माता की जय"! "भारत माता की जय"!
-----सुलोचना वर्मा-----------
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