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आएगा प्रकाश
कहता है भोर की ओर देख
रात का बतास
शब्द बतास का खिल जाता है बन फूल
हवा में तैरती है गंध रात की रानी की
स्वप्न में टिमटिमाता है जुगनू व्याकुल
अँधेरा खिलखिलाता है
नींद के कानन में चेतना की जागृति
स्वप्न की विलासिता है
दीये की बाती में रात की उदासियाँ जलती हैं
होता है अंतराल बस एक स्वप्न भर का
दिन के उजाले में स्वप्न की परियाँ हाथ मलती हैं
निकल पडूँगी पदयात्रा पर मैं भी साथ
आएँगे जब दिन के उदास देवी-देवता
और सीख लूँगी एक नए दिन का पाठ
आएगा प्रकाश
कहता है भोर की ओर देख
रात का बतास
शब्द बतास का खिल जाता है बन फूल
हवा में तैरती है गंध रात की रानी की
स्वप्न में टिमटिमाता है जुगनू व्याकुल
अँधेरा खिलखिलाता है
नींद के कानन में चेतना की जागृति
स्वप्न की विलासिता है
दीये की बाती में रात की उदासियाँ जलती हैं
होता है अंतराल बस एक स्वप्न भर का
दिन के उजाले में स्वप्न की परियाँ हाथ मलती हैं
निकल पडूँगी पदयात्रा पर मैं भी साथ
आएँगे जब दिन के उदास देवी-देवता
और सीख लूँगी एक नए दिन का पाठ
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