Friday, February 23, 2018

वह जो इक गाँव था

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दृश्य - एक

किसी लड़की को देखने के लिए लड़के वाले आने वाले हैं| पड़ोस के किसी घर से कढ़ाई वाला खूबसूरत चादर आ रहा है तो किसी घर से आगरे से खरीद कर लाया गया चीनी मिट्टी का टी सेट | पड़ोस की कोई दीदी लड़की को तैयार कर रही है तो दूसरे मोहल्ले की कोई चाची खाना बनाने में मदद करने आ पहुँची है| लड़के वाले कोई मुश्किल सवाल कर दे तो उस स्थिति से निपटने के लिए मोहल्ले के सबसे होनहार स्कूली बच्चे को लड़की के ठीक पीछे खड़े रहने का निर्देश दिया गया है जिसका काम होगा धीरे से उस सवाल का जवाब लड़की को बता देना | आस-पड़ोस की चार-पाँच स्त्रियाँ लड़के वालों के आते ही लड़की की हुनर का गुणगान शुरू कर देती हैं|  पड़ोस की किसी खूबसूरत लड़की को लड़के वालों के सामने नहीं आने का निर्देश दिया जाता है कि कहीं लड़के वाले उसे ही न पसंद कर ले या जिसे देखने आए हैं उससे तुलना कर बैठे  |  दूसरे मोहल्ले से आई चाची जिन्होंने सुबह से लगकर तरह-तरह का खाना बनाया, लड़के वालों को खाना परोसते हुए कह रही हैं कि सारा खाना उसी लड़की ने बनाया है, जिसे वो देखने आए हैं| लड़के वाले जाते हुए बता जाते हैं कि लड़की उन्हें पसंद है और कई जुड़े हुए हाथ ईश्वर को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए एक साथ आसमान की ओर बढ़ते हैं|

दृश्य - दो 

अस्सी बरस की विधवा वृद्धा शरीर की सारी शक्ति लगाकर कुएँ से पानी की बाल्टी खींच रही है| पड़ोस की एक युवती दौड़कर आती है और उनसे रस्सी की डोर लेते हुए कहती है कि वह नहाकर आयी है और उसके हाथ से जल पाकर ठाकुर जी अशुद्ध नहीं हो जाएँगे | वह बिला नागा बिना अनुरोध के ही उस वृद्धा का खाना भी बनाती है| जाड़े के मौसम में भी उसे रोज़ नहाना पड़ता है वरना वृद्धा उसके हाथ का खाना नहीं खाएगी | वह वृद्धा की मदद भी करती है और अक्सर डांट भी सुनती है|

दृश्य - तीन 

गाँव की जमादारनी बड़े अधिकार से तय करती है किसके लड़के की शादी में कौन सी साड़ी लेगी | कुछ दिनों तक गायब रहकर लौटते ही घर-घर जाकर अपनी तीर्थयात्रा के बारे में बताती है| सुहागिनों को आशीर्वाद देते हुए कहती है कि जैसे बच्चे उसे नसीब हुए, भगवान सभी को दे | बहुत सालों बाद उसकी मौत की खबर पाकर गाँव भर में एक उदासी पसर जाती है|

ऐसा है मेरी स्मृतियों में बसा मेरे बचपन का गाँव | पिछले कुछ सालों से गाँव जाते हुए पाया कि दृश्य कुछ इस कदर बदल गए -

दृश्य - एक 

गाँव में किसी के घर शादी है| दूसरे मोहल्ले की चाची नहीं जा रही हैं क्यूँकि उन्हें निमंत्रण पत्र तो मिला था, पर उस घर का  कोई सदस्य उन्हें बुलाने नहीं आया | दो घर बाद रहने वाले पंडित जी ने तय किया है कि आशीर्वाद देकर आ जाएँगे; खाना नहीं खाएँगे | उनका स्टैण्डर्ड नहीं मिलता | गाँव का सबसे होनहार लड़का, जो उस लड़की से एकतरफा प्रेम करता था, इस ताक में बारातियों के आसपास मंडरा रहा है कि मौका मिलते ही उन्हें अपना एक तरफा प्रेम कहानी लैला-मजनू की कहानी में रूपांतरित करके सुनाये | आखिर जो सुख उसे न मिला वो किसी और को क्यूँ मिले ! आस-पड़ोस की स्त्रियाँ मुँह दबाकर हँस रही हैं और कह रही हैं "जिसके घर जाएगी, उसे पता चलेगा कैसा सामान लेकर जा रहे हैं"|

दृश्य - दो 

घर के नब्बे वर्षीय बुजुर्ग एक कम्बल ओढ़े पड़े हैं जबकि उस घर के किशोर और किशोरी रजाई में दुबके हुए हैं| भूख लगी है, पर उम्मीद नहीं है कि मांगने पर खाना मिल ही जाएगा | जब भूख सहने की क्षमता खत्म होती रहती है, बुजुर्ग लाठी लेकर निकल पड़ते हैं किसी ऐसे पुराने पते पर जहाँ उन्हें पुकारे जाने पर उनके नाम के आगे "श्री" और नाम के पीछे "बाबु" अब भी लगाया जाता है| शाम होने से पहले उन्हें घर लौटने की चिंता सताती है कि उन्हें भरोसा ही नहीं कि उनके घर नहीं लौटने कि दशा में घरवाले उन्हें ढूँढने भी निकलेंगे ! घर में उनके ही सामने बैठ उस घर के छोटे-छोटे बच्चे उन्हें "गजनी" पुकारने लगे हैं कि रह-रहकर वह स्मृति लोप का शिकार हुए जाते हैं|

दृश्य - तीन 

एक समृद्ध घर के तीन बेटों की माँ बेहद बीमार है| उसे कोई पेट भर खाना नहीं दे रहा | पास के घर में सत्यनारायण पूजा है| खिड़की के पास आकर पड़ोसन से प्रसाद माँगती  हुई कहती है "जरा ज्यादा देना | बहुत भूख लगी है"| कई दिनों बाद जब वह मर गयी, लोगों ने देखा उसकी अर्थी पर कई प्रकार के फल और सूखे मेवे सजाकर रखे हुए थे | शव यात्रा कम शोभा यात्रा अधिक थी वह |

पिछले कई बार से गाँव से मिलने गाँव जाती हूँ और गाँव से बिना मिले ही लौट आती हूँ| न जाने कहाँ गया वह जो इक गाँव था ....

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