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ईश्वर दे रहे हैं गवाही पंडितों की
और पंडित अपने-अपने ईश्वर की
आम आदमी की गवाही देने कोई नहीं आता
जबकि वह देता है गवाही समय के दरबार में हमेशा
आम आदमी न ठीक से सीख पाया बुक्का फाड़ रोने का हुनर
न ही ले पाया कोई अवतार किसी ईश्वर या महापुरुष के रूप में
उसके अनुभवों में दूर-दूर तक नहीं है ईश्वर का अता - पता
है अनुभव तो सिर्फ कष्ट और सुख के नाम पर छले जाने का
टीवी वाले दिखा रहे हैं साक्ष्य पांडवों के स्वर्गारोहण की
और बता रहे हैं कि उन्होंने ढूँढ ली है स्वर्ग जाने की सीढ़ी
पर नहीं जुटा पाया अब तक कोई भी साक्ष्य कि मर गयी
क्यूँ संतोषी नाम की एक बच्ची बिना भात बिना तरकारी
मनुष्यों के ही आडम्बर से जन्में ईश्वर भला क्यूँ देंगे गवाही उनकी
जबकि नहीं होती प्रवाहित प्रार्थना मनुष्य की ओर एक मनुष्य की
ईश्वर दे रहे हैं गवाही पंडितों की
और पंडित अपने-अपने ईश्वर की
आम आदमी की गवाही देने कोई नहीं आता
जबकि वह देता है गवाही समय के दरबार में हमेशा
आम आदमी न ठीक से सीख पाया बुक्का फाड़ रोने का हुनर
न ही ले पाया कोई अवतार किसी ईश्वर या महापुरुष के रूप में
उसके अनुभवों में दूर-दूर तक नहीं है ईश्वर का अता - पता
है अनुभव तो सिर्फ कष्ट और सुख के नाम पर छले जाने का
टीवी वाले दिखा रहे हैं साक्ष्य पांडवों के स्वर्गारोहण की
और बता रहे हैं कि उन्होंने ढूँढ ली है स्वर्ग जाने की सीढ़ी
पर नहीं जुटा पाया अब तक कोई भी साक्ष्य कि मर गयी
क्यूँ संतोषी नाम की एक बच्ची बिना भात बिना तरकारी
मनुष्यों के ही आडम्बर से जन्में ईश्वर भला क्यूँ देंगे गवाही उनकी
जबकि नहीं होती प्रवाहित प्रार्थना मनुष्य की ओर एक मनुष्य की
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