Thursday, January 5, 2017

तुम देखना

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जो करना प्रेम मुझसे सच में, तो मत कहना
कि तुम्हें चलना है समंदर किनारे मेरे साथ 
किसी रोज़ आना , पकड़ लेना मेरा हाथ कसकर 
और ले चलना फिर मुझे समंदर किनारे चुपचाप 
तुम देखना, उस रोज़ मैं नदी बन उतरूँगी तुम्हारे अंदर 
तुम्हें अपना समंदर बना लूँगी

जो करना प्रेम मुझसे सच में, तो मत कहना मुझसे कभी 
कि तुम्हें देखना है तारों भरा आकाश मेरे साथ किसी रात 
जो दिखे किसी रात आकाश में टिमटिमाते तारे और दिन से ज्यादा 
ले आना मुझे खुले आसमान के नीचे बिना कुछ बताये 
तुम देखना, मैं बसा लूँगी तुम्हें अपनी आँखों के आसमान में
तुम्हें नयनतारा कहकर पुकारूँगी

जो करना प्रेम मुझसे सच में, तो नहीं बनाना बहाने मुझसे नहीं मिलने के 
कि झूठ नहीं रह पाता है झूठ अधिक दिनों तक प्रेम के उजाले में
बता देना वह कारण चाहे वह सुनने में कितना ही बुरा लगे 
मैं करूँगी कोशिश कि समझ सकूँ तुम्हें तुम्हारी जगह से 
तुम देखना, अदृश्य हो जाऊँगी, नजर नहीं आऊँगी, तुम ओढ़ लेना 
मैं दिशा बन जाऊँगी

जो करना प्रेम मुझसे सच में, तो मत कहना कुछ; सिर्फ जताना 
मत बुनना झूठे सुन्दर शब्दों का मकरंदी मायाजाल 
कि माया की काया नहीं ठहर पाती है वक़्त के जलजले में 
तुम ईमानदार रहना रिश्ते में, बस प्रेम ही करना 
तुम देखना मैं रहूंगी हमेशा तुम्हारे ही आसपास 
मैं तुम्हारी छाया बन जाउंगी 

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