Monday, June 15, 2015

खेल-खेल में

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नहीं खेलते अब बच्चे इस देश में 
'राजा' 'मंत्री' 'चोर' 'सिपाही' का खेल
कि खेल-खेल में सारे चोर डाकू हैं बन गए
कहाँ मानते सिपाही अब पाँच सौ रुपयों में
आठसौ का मंत्री अब करोड़ों का राजा है!!

खेल-खेल में बीतता रहा सुन्दर-सा समय
खत्म हुआ रजवाड़ा खेल-खेल में ही जैसे
खर्च हो गई हजारों की बादशाहत बचपन की
स्मृतियों का चोर मगर शून्य में ही उलझा रहा !!


-------सुलोचना वर्मा-------------

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