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पकड़ लेते हैं बच्चे माँ का आँचल
देखकर तवे पर पकता चीनी का पराठा
थमाती है माँ पराठा जो होता है कड़क
माँ की नयी ताँत की साड़ी की तरह
चमक उठती है बच्चों की आँखों में
अखण्ड ज्योति की शोभा यात्रा
एक-एक रवा मीठी मुस्कान देकर माँ
करती रहती है किसी किसान की तरह
प्रत्यारोपित प्रेम परिवार के बेहड़उर में
--------सुलोचना वर्मा -------------
पकड़ लेते हैं बच्चे माँ का आँचल
देखकर तवे पर पकता चीनी का पराठा
थमाती है माँ पराठा जो होता है कड़क
माँ की नयी ताँत की साड़ी की तरह
चमक उठती है बच्चों की आँखों में
अखण्ड ज्योति की शोभा यात्रा
एक-एक रवा मीठी मुस्कान देकर माँ
करती रहती है किसी किसान की तरह
प्रत्यारोपित प्रेम परिवार के बेहड़उर में
--------सुलोचना वर्मा -------------
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