Saturday, October 31, 2015

प्रश्न

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कितनी करवटों से बनती है एक रात
कितनी लम्बी रात से तय होती है दूरी 
समझ सकते हो?


कितने बड़े अपराध से उपजता है भय
कितने बड़े भय से छूट जाता है साथ
बता सकते हो क्या ?


कितनी लम्बी बातों में हो जाता है प्रेम
कितने गहरे प्रेम में छूट जाता है संसार
जो करते प्रेम , तो बता पाते!


कितने बड़े दुःखों से जन्म लेता है अवसाद
कितने भीषण अवसाद में ख़त्म होते हैं हम
प्रतिपल, निःशब्द


कितनी उपेक्षा से मरता है कोई सम्बन्ध
कितने सम्बन्ध हैं अपेक्षाकृत महत्वपूर्ण
समझ पाये हो ?


कितनी दुश्चिंताओं में ढूँढा जा सकता है तुम्हें
कितने ढूँढें जाने पर मिल सकते हो तुम
हो सके तो बताना, प्रतीक्षा रहेगी


कब तक इतने प्रकाश वर्ष रहूँगी मैं प्रतीक्षारत ?

----सुलोचना  वर्मा--------

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