Thursday, July 26, 2018

अगर तुम होते

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यदि तुम संगीत होते
तो रागों में होते खमाज
प्रेम ढूँढ लेता हमें रोज़
रात्रि के द्वितीय प्रहर में

यदि तुम मौसम होते
ऋतुओं में होते बसंत
माघ-सा होते महीनों में
जहाँ प्रेम करता कल्पवास

यदि तुम वृक्ष होते
तो होते आम का पेड़
जिस पर प्रेम डालता झूला
और सावन गाता कजरी

यदि तुम रंग होते
अवश्य ही होते आसमानी
प्रेम के माथे पर
एक आकाश-सा तन जाते

और भी बहुत कुछ
हो सकते थे मेरे तुम
अगर तुम होते
सचमुच होते |

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