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नहीं कह पायी शुक्रिया मैं उस माली से
लगा गया जो पेड़
गुलाबी चम्पा का हमारी बगिया में
कहाँ दे पायी शाबाशी मैं उस चुनचुन चिड़िया को
दिखा गयी जो नाच
बस कुछ दाने चुगकर बालकनी में
पर कह देती हूँ धन्यवाद हर बार सहायिका से
जो करती है काम पैसे लेकर
बड़े ही अनमने तरीके से घर में
सहायिका का होना तय करता है
चम्पा का गुलाबी होना मेरे लिए
और यह जानना कि नाच सकती है चुनचुन चिड़िया
कितना ज़रूरी है सहायिका का होना जीवन में
-----सुलोचना वर्मा----------
नहीं कह पायी शुक्रिया मैं उस माली से
लगा गया जो पेड़
गुलाबी चम्पा का हमारी बगिया में
कहाँ दे पायी शाबाशी मैं उस चुनचुन चिड़िया को
दिखा गयी जो नाच
बस कुछ दाने चुगकर बालकनी में
पर कह देती हूँ धन्यवाद हर बार सहायिका से
जो करती है काम पैसे लेकर
बड़े ही अनमने तरीके से घर में
सहायिका का होना तय करता है
चम्पा का गुलाबी होना मेरे लिए
और यह जानना कि नाच सकती है चुनचुन चिड़िया
कितना ज़रूरी है सहायिका का होना जीवन में
-----सुलोचना वर्मा----------
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