Wednesday, February 5, 2014

पराया धन


बाँध दी गयी
दहलीज़ों में
बनी दान सामग्री
रिवाज़ों में
हो गयी अभिशप्त
घरों में
परिवर्तित की गयी
पत्थरों में
बाँट दी गयी
पतियों में
हो गयी तिरस्कृत
समाजों में
झोंक दी  गयी
तंदूरों में
निहित था
केवल दो शब्दों में
"उसके"
संपूर्ण जीवन का सार
"वह"
"पराया धन" थी


सुलोचना वर्मा

 

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