Saturday, February 11, 2017

खाली बर्तन सा रिश्ता

आसपास के किसी घर में, जब किसी के हाथ से कोई खाली बर्तन गिर जाता है, तो देर तक वह आवाज हमारे कानों में गूँज रही होती है और हमें यह आवाज परेशान करती है| यही बात रिश्तों के साथ भी है| रिश्ता किसी का भी टूटता है, तो दर्द हमें भी होता है| ये खाली बर्तन इतना शोर क्यूँ करता है? हाथ से ज्यादातर खाली बर्तन ही गिरता है इसलिए कि हम उसे संभालने के लिए कोई अतिरिक्त प्रयत्न नहीं करते| हमारा यह अतिरिक्त आत्मविश्वास हमें धोखा दे जाता है| रिश्ते भी तभी टूटते हैं जब वह प्रेम या परवाह से खाली हो जाते हैं| कल किसी परिचित का रिश्ता टूटा| बात भी कभी-कभार ही होती थी उससे, फिर भी एक शोर अब तक मेरे अन्दर मचा हुआ है|

पास के कमरे में बेटी हाई वॉल्यूम पर "चीप थ्रिल्स" सुन रही है, साथ में गा रही है और शायद थिरक भी रही है| कायदे से तो मुझे अपने अन्दर मचे इस शोर से मुक्ति पाने के लिए उसके साथ शोर मचाते हुए थिरक लेना चाहिए, पर मेरे अन्दर मचा यह शोर ही मुझे रोक लेता है| संजीदगी और संवेदनशीलता बेहद बुरी शय है| हम नहीं कह पाते "भाड़ में जाए दुनिया, हम बजाए हरमुनिया" 

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