Wednesday, February 8, 2017

तुम्हारे बाद (क्षणिकाएँ)

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1.
बाद तुम्हारे स्मृतियाँ 
रहती हैं तो रहे 
मार्च महीना और पपीहा 
पिहू पिहू कहे 

2.
देकर दर्द बेइन्तेहाँ  
तोड़ा बेआवाज 
सुर ही कैसे सधे जब
टूटा दिल का साज 

3.
नैनों से रूठे नैना 
न ही मिलन, न ही चैना 

4.
मैं बदली, गुजरी थी तलैया ऊपर
थे अक्स तुम, मैंने पानी समझा था 
मैं बरसी नेह की मेह लेकर, सब गड्डमड्ड   
तुम कविता थे, मैंने कहानी समझा था 

5. 
दिन गुजर रहा कुछ ऐसे
जैसे पेड़ से टूटा पत्ता 
जो बीता साथ, वही जीवन था 
बच गयी हैं साँसें अलबत्ता 

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