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जब हमें सीखना था चीजों को बनाना
हम खरीद रहे थे उन तमाम चीजों को
जब हमें सीखना था शऊर बांटने का
हम गिन रहे थे कुछ चीजों की कमी
जब हमें करना था अपने चरित्र का निर्माण
उन दिनों हम सीख रहे थे प्रतिस्पर्धा करना
जिन दिनों हमें जानना था महत्व चीजों का
हम भागते चले जा रहे थे सफलता के पीछे
हमने दोहराया उन भूलों को जिन्हें नहीं सुधारा कभी भी
हमने चीजों को ही जिंदगी समझ लेने की बड़ी भूल की
हमारी भूल से बढ़ा लीं हमने चीजें और छूटती गयी जिंदगी
जबकि जिंदगी से अधिक खूबसूरत चीज और कुछ भी नहीं
--सुलोचना वर्मा-----
जब हमें सीखना था चीजों को बनाना
हम खरीद रहे थे उन तमाम चीजों को
जब हमें सीखना था शऊर बांटने का
हम गिन रहे थे कुछ चीजों की कमी
जब हमें करना था अपने चरित्र का निर्माण
उन दिनों हम सीख रहे थे प्रतिस्पर्धा करना
जिन दिनों हमें जानना था महत्व चीजों का
हम भागते चले जा रहे थे सफलता के पीछे
हमने दोहराया उन भूलों को जिन्हें नहीं सुधारा कभी भी
हमने चीजों को ही जिंदगी समझ लेने की बड़ी भूल की
हमारी भूल से बढ़ा लीं हमने चीजें और छूटती गयी जिंदगी
जबकि जिंदगी से अधिक खूबसूरत चीज और कुछ भी नहीं
--सुलोचना वर्मा-----
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