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लगाए ठहाके उलझनों में मैंने
और मैं आसूँओं में मुस्कुराई
मेरी उदासियों को हुई उलझन
और मेरी उदासियाँ कुम्हलाई
-----सुलोचना वर्मा ---------
लगाए ठहाके उलझनों में मैंने
और मैं आसूँओं में मुस्कुराई
मेरी उदासियों को हुई उलझन
और मेरी उदासियाँ कुम्हलाई
-----सुलोचना वर्मा ---------
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